श्री दिगंबर जैन दर्शनोदाय अतिशय तीर्थक्षेत्र थूबोन जी

श्री दिगंबर जैन दर्शनोदाय अतिशय तीर्थक्षेत्र थूबोन जी के बारे में

मालवा और बुंदेलखंड की पावन तीर्थ श्रंखला में उर्वशी और लीलट इन युगल सरिताओं के मध्य विंध्यांचल पर्वत माला की गोद में बसे २६ जिन मंदिरों का वैभव समेटे दिगंबर जैन संस्कृति की अमूल्य विरासत धर्म तीर्थ अतिशय क्षेत्र श्री थूबोन जी संपूर्ण मध्य प्रदेश का गौरवस्थल है। यहां के जिन मंदिरों में भव्य एवं चित्ताकर्षक जिन प्रतिमाएं विराजमान हैं। इन जिनप्रतिमाओं की वीतराग एवं मनोज्ञ छवि दर्शनार्थी के हृदय को भक्ति रस से ओतप्रोत कर देती हैं।

इस पवित्र तीर्थ का उद्भव १२ वी शताब्दी में इतिहास प्रसिद्ध श्रेष्ठि पाड़ाशाह के द्वारा हुआ था। पाड़ाशाह के नाम पर क्षेत्र के दक्षिण ओर थूबोन नाम से लगी हुई एक सरोवरी है। जिसे पाड़ाशाह तलैया कहते हैं। इसके संबंध में यह किवदंती जुडी है कि पाड़ाशाह के पास "पारस पथरी" थी जिसका स्पर्श करा कर लोहे से सोना बना लेते थे। यह पारस पथरी उन्हें इसी तलैया से प्राप्त हुई थी। एक बार पाड़ाशाह का पाड़ा इस तलैया में घुसा तो पारस पथरी के स्पर्श से उसकी लोहे की सांकल सोने में परिवर्तित हो गई। पारस पथरी मिलने के बाद उन्होंने अपने धन का सदुपयोग किया। जगह जगह जिन मंदिर बनवाये। भव्य प्रतिमाओं का निर्माण करवाया, प्रतिष्ठाये करायीं। जिनमें श्री थूबोन जी , श्री बजरंगढ़ , श्री आहार जी, श्री सिरोंजी, ईशुरवारा , सेसई , देवगढ़ आदि तीर्थ क्षेत्र में उनके द्वारा बनाये गए मंदिर व प्रतिमाएं उनकी दानशीलता और जिनेन्द्र भक्ति के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं.

अतिशय तीर्थक्षेत्र थूबोन जी के जिन मंदिरों में विराजमान भव्य जिन प्रतिमाएं वीतरागता की प्रतिमूर्ति तो हैं ही , वे अतिशयकारी भी हैं, मंदिर क्रमांक १५ में भगवान् आदिनाथ की २८ फुट उतंग विशाल खड्गासन प्रतिमा के सम्बन्ध में अनेक किवदंती प्रचलित हैं। यह प्रतिमा जब बनकर तैयार हुई तब सेकड़ो लोगों ने इसे खड़ी करने का प्रयत्न किया किन्तु प्रतिमा हिली तक नहीं, तब उसी रात्रि को प्रतिष्ठा कराने वाले सज्जन को स्वप्न आया की तुम प्रातः प्रासुक जल से स्नान करके स्वच्च्छ वस्त्र धारण कर भक्तिपूर्वक, देव पूजा से निवृत्त होकर इस प्रतिमा को खड़ा करने का प्रयत्न करना, प्रातः होने पर उस सज्जन ने वैसा ही किया , उपस्थित जन समुदाय ने विस्मय और विमुग्ध होकर देखा एक अकेले व्यक्ति ने २८ फुट ऊँची विशाल प्रतिमा खड़ी कर दी।

क्षेत्र में रहने वाले साधर्मी जान अभी भी मध्य रात्रि को इस जिनमंदिर से साज एवं घुंघरुओं के बजने की मधुर ध्वनि सुना करते हैं। उनका मानना है कि देवगण प्रभु की भक्ति करने के लिए यहां आया करते हैं।

परमपूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ससंघ के सन १९७९ एवं १९८७ में २ चातुर्मास महती धर्म प्रभावना के साथ सम्पन्न हुए। आपकी प्रेरणा एवं आशीर्वाद से श्री आदिनाथ जिनालय को भव्य रूप प्रदान किया गया। यह क्षेत्र तपोवन के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पर अनेक ऋषि मुनियों ने तपस्या की है। आज भी क्षेत्र का संपूर्ण वातावरण तपस्या के अनुकूल है।

क्षेत्र शनैः शनैः विकास की ऒर अग्रसर है। क्षेत्र के विकास हेतु प्रबंधकारिणी समिति समय समय पर परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एवं उनके ही संघस्थ शिष्यों से मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त करती रही एवं उनके ही शिष्य बाल ब्रह्मचारी प्रदीप भैया जी "सुयश" के कुशल निर्देशन में क्षेत्र के विकास के लिए कटिबद्ध हैं। क्षेत्र पर प्रतिवर्ष मकरसंक्रांति को भव्य मेला एवं विमान उत्सव का आयोजन किया जाता है।

क्षेत्र अशोकनगर से ३२ किलोमीटर , चंदेरी से २२ किलोमीटर एवं ललितपुर से ५७ किलोमीटर की दूरी पर हे। क्षेत्र पर परम पूज्य मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज ससंघ की प्रेरणा से प्रतिदिन अभिषेक शांतिधारा प्रातः ७:३० बजे की जाती है जिसमे अशोकनगर , पिपरई , मुंगावली से बस एवं जीप प्रातः ६ बजे क्षेत्र पर जाती है।

कैसे पहुंचें?

सबसे आसान तरीकाअशोकनगर से अमरोद होते हुए
बस सेअशोकनगर -32 किमी, चंदेरी -22 किमी, ललितपुर - ५७ किमी

सुविधाएं और अन्य उपयोगी जानकारी

धर्मशाला
उपलब्ध है?
Info\Detailsएसी कमरे 20, सामान्य कमरे 50, अटैच कमरे 10, हॉल -3
त्यागी निवास
Total Capacity1000
भोजनशाला
ई रिक्शा और व्हील चेयर

आयोजन

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आदिनाथ जन्म जयंती पर प्रभु की रजत पालकी निकाली
दिनांक 29 मार्च 2019
108 कुडीये विश्वशान्ति महायज्ञ में सवा लाख मंत्रोंकी दी आहुति अशोक नगर - जिला मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर अतिशय क्षेत्र थूवोनजी में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज की शिष्य सवीता दीदी माया दीदी उषा दीदी एवं श्री मुकेश भाइया आचारातव में थूवोनजी के खड़े बाबा भगवान आदि नाथ भगवान का महा मस्तिष्काभिषेक करने का सौभाग्य सुनील कुमार दिलीप कुमार वीना को प्रथम कलश दितीय कलश मनोज कुमार वाकल तृतीय कलश शैलेंद्र सिघई पारस गोल्डन परिवार सुनील कुमार शैलेन्द्र कुमार सजीव कुमार श्रगार परिवार को महा शान्तिधारा का सौभाग्य मिला इसके बाद भगवान की भक्ति भाव के साथ महापूजा की किया इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए थूवोनजी कमेटी के प्रचार मत्री विजय धुर्रा ने कहा कि परम पूज्य मुनि पुगंव सुधासागरजी महा राज की प्रेरणा से थूवोनजी में पहली बार जन्म जयंती पर भगवान की रजत पालकी निकाली जा रही है इसके वाद प्रभु को केवलचन्दजी दिलीप कुमार मोदी गुना ने पालकी में श्री जी को विराजमान कर गाजे वाजे के साथ किया सम्मानित थूवोनजी कमेटी के अध्यक्ष अरविंद जैन टिगू उपाध्यक्ष गिरीश अथाईखेड़ा राकेश अमरोद महामंत्री विपिन सिघई मत्री राजेन्द्र हलवाई कोषाध्यक्ष सौरभ वाझल मीडिया प्रचार मत्री विजय धुर्रा ने विधान कर्ता रमेश चन्दजी विजय कुमार सुभाष कुमार कैंची वीड़ी परिवार व सुशील कुमार सतीश कुमार पिपरई का कमेटी की ओर से सम्मान किया गया हुए भगवान के कलषाभिषेक भगवान की पालकी के जल विहार का भक्तों ने आरती उतारकर जय जय कार करते हुए आगे वड़ाया यहाँ रजत पालकी अजित नाथ जिनालय कैंची परिवार पहुकर धर्म सभा में वदल गई जहाँ कैंची परिवार दारा जिनालय की वर्ष गाँठ पर चौबीस विधान के समापन पर कलशाभिषेक का आयोजन किया गया जिसका सौभाग्य केवलचन्द दिलीप कुमामीदी रमेश चन्दजी विजय कुमार कैची सुभाष कुमार मृदुलकुमार कैची रविद्रजी कैची को सौभाग्य मिला वही भगवान की फूलमाल ज्ञान माल व चारित्र माल का आयोजन किया गया इस अवसर पर प्रतिष्ठा चार्य मुकेश भाई व राजकुमार जी शाड़ौरा का सम्मान पवन जैन निमेश जैन राजीवचन्देरी नीलू मामा ने किया धर्म का प्रथम उपदेश भगवान वृषभ देव ने दिया- -दीदी जन्म जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि युग के आदि में जब कलपवधक्षो का अभाव हो गया तव डुवती इस मानवता को भगवान आदि नाथ स्वामी अषि मषि कृषि विद्या वाणिज्य एवं शिल्प का उपदेश देकर जीवन जीने जीने की कला सिखाई।हम सब मिलकर आज उन्हीं भगवान वृषभ की जन्म जयंती मना रहे है इस अवसर पर थूवोनजी में इ रिक्सा सेवा का सुभारभ किया गया इसके पहले सिद्ध च्रक महा मंडल विधान एवं विश्व शांति महा यज्ञ में सवा लाख मंत्रो की आहुतिया एक सौ आठ कुंड में वृहदमत्रोकचार के साथ समर्पित की गई ।
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भक्तामर पाठ के साथ जलाये अडतालीस दीप
प्रत्येक रविवार होता है
48 दीपो से महा आरती की अशोक नगर जिला मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर अतिशय क्षेत्र थूवोनजी में अब प्रति रविवार को मंगल वार मंडल के संयोजन में भक्तावर स्त्रोत्र के पाठ के साथ दीप प्रज्वलन कर भक्तों दारा भगवान की महा आराधना की जा रही है । भगवान की होती हैं महा स्तुति थूवोनजी कमेटी के प्रचार मत्री विजय धुर्रा ने वताया कि भगवान आदि नाथ स्वामी की महा स्तुति रूप श्री भक्तावर स्रोत का युवा वर्ग के संरक्षक शैलेंद्र श्रागार के मधुरसंगीत के साथ पाठ करते हुए व्रहदमंत्रोकचार के साथ दीपो को प्रज्वलित कर भगवान की 48 दीपो से महा आरती की जाती हैं रविवार को हुये समारोह में मुख्य यजमान के रूप में शान्तिनगर श्री विद्या सागर सर्वोदय पाठशाला परिवार वही श्रावक श्रेष्ठी अभिलाषा शैलेंद्र सिघई पारस गोल्डन परिवार के साथ ही महा आरती करने का सौभाग्य रीतेशजैन कल्लूभाई वेलई अभिषेक ठेकेदार सचिन जैन टिगू मील अमितवरोदिया रानू मामा प्रवीणजैन अनून्य टेडर्स के साथ अन्य भक्तों को मिला ।समारोह में युवा वर्ग के संरक्षक शैलेंद्र श्रागार ने कहा कि परम पूज्य मुनि पुगंव सुधासागरजी महा राज के आशीर्वाद से उनके वताये हुये मार्ग दर्शन के माध्यम से हम भगवान की भक्ति कर अपने भाग्य को जगाये। ई रिक्सा सेवा शुरू होगी कमेटी के महा मत्री विपिन सिघई ने कहा कि मुनि श्री के आशीर्वाद से हमें हर कार्य में सफलता मिल रही है वड़े वुजूर्ग तीर्थयात्रियो की सुविधा के लिए एव क्षेत्र के सम्पूर्ण भ्रमण के लिए सीघ्र ही निःशुल्क ई रिक्सा सेवा का सुभारभ किया जायेगा और यह सेवा क्षेत्र पर कमेटी द्वारा सुरू की जायेगी।इस अवसर पर कमेटी की सौरभ वाझल मनोज भोला मंगल वार मंडल के अलोक रानीपुर राजू पिपरई मनीष वरखेड़ा वल्लू इडियन धनकुमार वल्ला अतिथियो को बड़े बाबा की तस्वीर भेंट की ।और पढ़ें तथा फोटोज देखें
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आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 52 वें दीक्षा महोत्सव के उपलक्ष में श्री धूवन कमेटी ने 52 वृक्ष रोपण किए
दिनांक 7 जुलाई 2019
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 52 वें दीक्षा महोत्सव के उपलक्ष में श्री धूवन कमेटी ने 52 वृक्ष रोपण किए जिसमें श्री सौरव जैन ईसागढ़ श्री नरेंद्र जैन जनता और श्री सिद्धार्थ सोगानी वृक्ष मित्र बनकर सबसे आगे रहे उनके साथ में महिला परिषद के सदस्य और दर्शनोदय कमेटी के सदस्य उपस्थित रहे
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कृपया हमसे संपर्क करें

आशीर्वाद

परमपूज्य आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी एवं मुनि पुंगव सुधासागर जी महाराज

कार्यकारिणी सेवक

थूबोन जी की सेवा में तत्पर

प्रदीप भैया जी "सुयश"

हमारे मार्गदर्शक

(+91)9425131994, 9770176113

अशोक जैन (टिन्गु )

अध्यक्ष

(+91)9425131994, 9770176113

विपिन सिंघई

महामंत्री

(+91)9425031108, 7999527790

सौरभ बाँझल

कोषाध्यक्ष

(+91)9425191955, 7000279859

गिरीश जैन अथाईखेड़ा

वरिष्ठ उपाध्यक्ष

(+91)7987248456

राकेश जैन अमरोद

उपाध्यक्ष

(+91)9425131933

धर्मेंद्र रोकड़िया

उपाध्यक्ष

(+91)9425310297

विनोद मोदी

मंत्री

(+91)9425361284

रानी जैन पिपरई

उपाध्यक्ष

(+91)9977302950

विजय धुर्रा

प्रचार मंत्री

(+91)9826516524

अरविन्द जैन पत्रिका

मीडिया प्रभारी

(+91)9893301495

राजीव जैन चंदेरी

ऑडिटर

(+91)9425768777

आशीर्वाद

परमपूज्य आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी एवं मुनि पुंगव सुधासागर जी महाराज

कार्यकारिणी सेवक

थूबोन जी की सेवा में तत्पर

प्रदीप भैया जी "सुयश"

हमारे मार्गदर्शक

(+91)9425131994, 9770176113

अशोक जैन (टिन्गु)

अध्यक्ष

(+91)9425132065

विपिन सिंघई

महामंत्री

(+91)9425031108, 7999527790

सौरभ बाँझल

कोषाध्यक्ष

(+91)9425191955, 7000279859

गिरीश जैन अथाईखेड़ा

वरिष्ठ उपाध्यक्ष

(+91)7987248456

राकेश जैन अमरोद

उपाध्यक्ष

(+91)9425131933

धर्मेंद्र रोकड़िया

उपाध्यक्ष

(+91)9425310297

विनोद मोदी

मंत्री

(+91)9425361284

रानी जैन पिपरई

उपाध्यक्ष

(+91)9977302950

विजय धुर्रा

प्रचार मंत्री

(+91)9826516524

अरविन्द जैन पत्रिका

मीडिया प्रभारी

(+91)9893301495

राजीव जैन चंदेरी

ऑडिटर

(+91)9425768777

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